Shiv chaisa - An Overview
Shiv chaisa - An Overview
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थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।
अर्थ: हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी तो आगे देखो…।
भए प्रसन्न दिए इच्छित shiv chalisa in hindi वर ॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी ।
शंकर हो Shiv chaisa संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
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जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
हनुमान चालीसा लिरिक्स
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥ अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥